छोड दिया....
कही इन नजरो मे तुम्हारा अक्स देखना ले ज़माना
इसलिए हमने लोगो से नज़रे मिलाना छोड दिया ।
दिल की धड्कन मे छुपे हो तुम ये जान ना ले कोई
इसलिए हमने दिल हे हमारे सिने मे भी, ये बताना छोड दिया ।
तुम्हारी यादे तन्हाई मे रुलाती हे हमे..
ये कहना सके कोई इसलिए हमने आँसु बहाना छोड दिया ।
दर्द-ए-महुब्बत के सिवा कोई ओर दर्द छुना सके हमे
इसलिए हमने उन ज़्खमो को सुखाना छोड दिया ।
hindi Gazals
Friday, December 29, 2006
Thursday, December 28, 2006
आगन वाला नीम
आरी ने घायल किये हरियाली के पाव
ककीट मे दब गया शांति प्रिय गाँव ।
दुर शहर की चिमनीया देती ये आभास
जैसे बीडी पी रहे बुड्डे कई उदास ।
वन्य जीव मिटते रहे और कटॆ वक्ष दिन रात
तो एक दिन मिट जायगी, खुद आदम की जात
अब धरती आकाश पर खाओ रहम हुजुर
बदल रहे रात-दिन मौसम के दस्तुर
सुखा, बाड, अकाल नित्य कर रहे वार
आखिर धरती कब तक सहे अत्याचार
धुन्ध धुँए ने धात दी, रोगी हुए हकीम
असमय बुडडा हो चाला "आगन वाला नीम"
ककीट मे दब गया शांति प्रिय गाँव ।
दुर शहर की चिमनीया देती ये आभास
जैसे बीडी पी रहे बुड्डे कई उदास ।
वन्य जीव मिटते रहे और कटॆ वक्ष दिन रात
तो एक दिन मिट जायगी, खुद आदम की जात
अब धरती आकाश पर खाओ रहम हुजुर
बदल रहे रात-दिन मौसम के दस्तुर
सुखा, बाड, अकाल नित्य कर रहे वार
आखिर धरती कब तक सहे अत्याचार
धुन्ध धुँए ने धात दी, रोगी हुए हकीम
असमय बुडडा हो चाला "आगन वाला नीम"
Tuesday, October 17, 2006
बचपन
बचपन बीत गया पर दे गया कुछ सुनहरी यादे ।
सोच सोच कर हसना भी आये कुछ ऐसी भी बाते ।
वो बचपन की मासुमियत अब हम लाये कहाँ से ।
अब उस गुजरें वकत को भुलाए कहाँ से ।
हर पल को समेट कर रख़ा हुआ हे दिल की गहराई में ।
हर लम्हे ये मेरे साथ रहते हे इस ज़िदगी की सचाई मे ।
नहि समझी इस की किमत जब यें हमारे पास था ।
कुछ पीछे छोड आये एसा एहसास तो था ।
अब तो इस दिल में दबाए घुमते हे अपने बचपन का सपना
हर एक बच्चें मे डुढतें हे अब हम बचपन अपना ।
सोच सोच कर हसना भी आये कुछ ऐसी भी बाते ।
वो बचपन की मासुमियत अब हम लाये कहाँ से ।
अब उस गुजरें वकत को भुलाए कहाँ से ।
हर पल को समेट कर रख़ा हुआ हे दिल की गहराई में ।
हर लम्हे ये मेरे साथ रहते हे इस ज़िदगी की सचाई मे ।
नहि समझी इस की किमत जब यें हमारे पास था ।
कुछ पीछे छोड आये एसा एहसास तो था ।
अब तो इस दिल में दबाए घुमते हे अपने बचपन का सपना
हर एक बच्चें मे डुढतें हे अब हम बचपन अपना ।
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